प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
ने
पूर्ववर्ती
सरकारों
पर
सरकारी
तिजोरी
को
चुनाव
जीतने
के
कार्यक्रमों
में
तबाह
करने
का
आरोप
लगाते
हुए
आज
कहा
कि
उनकी
सरकार
की
कोशिश
है
कि
गरीब
की
जिंदगी
में
बदलाव
लाने
के
अवसर
तैयार
करने
वाले
सपने
साकार
हों।
प्रधानमंत्री
ने
वाराणसी
में
करीब
एक
हजार
करोड़
रुपये
की
विभिन्न
विकास
परियोजनाओं
का
लोकार्पण
और
शिलान्यास
करने
के
बाद
कहा
हर
समस्या
का
समाधान
आखिर
विकास
में
ही
है।
पहले
ऐसी
सरकारें
आयीं,
जिनमें
विकास
से
नफरत
जैसा
माहौल
था।
उनके
लिये
सरकारी
तिजोरी
चुनाव
जीतने
के
कार्यक्रमों
में
तबाह
हो
जाती
थी।
हमारी
कोशिश
है
कि
विकास
के
वे
सपने
साकार
हों
ताकि
गरीब
की
जिंदगी
में
बदलाव
लाने
का
अवसर
तैयार
हो।
उन्होंने
कहा,
आप
किसी
भी
गरीब
से
बात
कीजिये,
उससे
पूछिये
कि
आपने
जैसी
जिंदगी
गुजारी,
क्या
आप
अपने
बच्चों
के
लिये
भी
वैसी
ही
जिन्दगी
पसंद
करेंगे।
गरीब
से
गरीब
व्यक्ति
भी
कहता
है
कि
मेरे
नसीब
में
जो
था
मैंने
भुगता
लेकिन
मैं
नहीं
चाहता
हूं
कि
मेरी
आने
वाली
पीढी
ऐसी
गरीबी
की
जिंदगी
जीने
को
मजबूर
हो।
किसी
गरीब
के
दिल
में
अपनी
संतानों
को
विरासत
में
गरीबी
देने
की
इच्छा
नहीं
है।
हर
गरीब
का
अपनी
भावी
पीढ़ी
के
लिये
जो
सपना
है,
वही
सपना
मेरी
सरकार
का
भी
है।
मोदी
ने
कहा
कि
उनकी
सरकार
यही
प्रयास
कर
रही
है
कि
सारी
योजनाएं
ऐसी
हों,
जो
समाज
के
हर
तबके
में
सशक्तीकरण
लाएं।
आज
देश
तेज
गति
से
प्रगति
कर
रहा
है।
यह
विकास
गरीब
और
मध्यम
वर्ग
के
कल्याण
को
केन्द्र
में
रखकर
हो
रहा
है।
अनेक
साहसपूर्ण
कदम
उठाये
जा
रहे
हैं
और
कई
साल
से
लटके
मुद्दों
का
निपटारा
बड़ी
हिम्मत
से
किया
जा
रहा
है।
हिम्मत
से
फैसले
किये
जा
रहे
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
पूरी
दुनिया
देख
रही
है
कि
भारत
तेज
गति
से
आगे
बढ़
रहा
है।
भारत
बदल
रहा
है।
हमें
पूर्वी
उत्तर
प्रदेश
को
भी
बदलना
है।
जैसी
पश्चिम
की
ताकत
है,
वैसे
ही
पूरब
की
भी
ताकत
हो।
हमें
विश्वास
है
कि
यहां
के
आर्थिक
और
सामाजिक
जीवन
तथा
मूलभूत
ढांचे
में
बदलाव
लाने
के
लिये
यह
योजनाएं
काम
आएंगी।
प्रधानमंत्री
ने
कहा
आज
एक
ही
कार्यक्रम
में
एक
ही
मंच
से
एक
हजार
करोड़
रुपये
से
ज्यादा
लागत
के
कई
प्रकल्पों
का
लोकार्पण
और
शिलान्यास
हुआ
है।
मैं
उत्तर
प्रदेश
सरकार
का
भी
बहुत
आभारी
हूं
कि
उन्होंने
बनारस
के
विकास
के
लिये
पूर्वी
भारत
के
विकास
के
हमारे
सपने
में
बहुत
बड़ी
भूमिका
निभायी
है
और
उसमें
राज्य
सरकार
भी
अभिनन्दन
की
अधिकारी
है।
उन्होंने
कहा,
आज
करीब
तीन
सौ
करोड़
रूपये
की
लागत
से
वस्त्र
मंत्रालय
द्वारा
जिस
प्रकल्प
का
लोकार्पण
हो
रहा
है,
मैं
नहीं
मानता
हूं
कि
पिछले
कई
दशकों
में
बनारस
की
धरती
पर
इतने
बड़े
किसी
प्रकल्प
की
योजना
साकार
हुई
होगी।
जिस
प्रकल्प
का
शिलान्यास
हम
करते
हैं,
उसका
उद्घाटन
भी
हम
ही
करते
हैं।
वरना
राजनीतिक
हिसाब
किताब
से
शिलान्यास
होते
रहते
हैं,
योजनाएं
लटकती
रहती
हैं।
मोदी
ने
कहा
कि
जब
वह
वाराणसी
से
सांसद
बनने
के
बाद
बुनकरों
से
बात
कर
रहे
थे,
तब
उनमें
से
बहुतों
ने
कहा
कि
उनके
बच्चे
उनके
पुश्तैनी
काम
से
नहीं
जुड़ना
चाहते।
तभी
लगा
कि
इतना
बड़ा
आर्थिक
गतिविधि
का
हथियार
अगर
हमारे
परिवारों
से
छूट
जाएगा
तो
इतिहास
हमें
कभी
माफ
नहीं
कर
सकेगा।
न्यायपालिका
में
भ्रष्टाचार
का
सवाल
अब
कोई
नई
बात
नहीं
रह
गई
है।
गुरुवार
को
सीबीआई
ने
जिस
तरह
ओड़िशा
उच्च
न्यायालय
के
एक
सेवानिवृत्त
न्यायाधीश
इशरत
मसरूर
सहित
पांच
अन्य
लोगों
को
गिरफ्तार
किया
है,
उसे
पिछले
कुछ
सालों
के
दौरान
न्यायपालिका
पर
उठते
सवालों
की
ही
अगली
कड़ी
के
तौर
पर
देखा
जा
सकता
है।
गौरतलब
है
कि
उत्तर
प्रदेश
स्थित
प्रसाद
मेडिकल
साइंसेज
में
लचर
सुविधाओं
और
आवश्यक
मानदंडों
को
पूरा
करने
में
नाकाम
रहने
की
वजह
से
सरकार
ने
अगले
दो
सालों
के
लिए
वहां
मेडिकल
के
विद्यार्थियों
के
दाखिले
पर
रोक
लगा
दी
थी।
इसके
अलावा
छियालीस
अन्य
संस्थानों
पर
भी
सरकार
ने
यह
कार्रवाई
की
थी।
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